श्री अरहनाथ चालीसा
श्री अरहनाथ चालीसा -दोहा- अरहनाथ भगवान हैं, तीनलोक के नाथ। ध्यानचक्र से मृत्यु को, किया पराजित आप।१।। इनके ही गुणगान में, यह चालीसा पाठ। लिखने की इच्छा हुई, कृपा करो श्रुतमात।।२।। -चौपाई- अरहनाथ तीर्थंकर तुमने, अरि को नष्ट किया तप बल से।।१।। अरि कहते हैं कर्मशत्रु को, प्रभु ने नाशा सब कर्मों को।।२।। हस्तिनागपुर नगरी…