महातीर्थ व्रत (णमो णिसीहियाए व्रत) (१७ व्रत)
महातीर्थ व्रत (णमो णिसीहियाए व्रत) (१७ व्रत) भगवान महावीर के समवसरण में बैठकर प्रथम गणधरदेव श्री गौतमस्वामी ने जिन दण्डकसूत्रों को कहा है वे मुनियों-आर्यिकाओं के लिए दैवसिक (रात्रिक) प्रतिक्रमणरूप में और पाक्षिकप्रतिक्रमणरूप में प्रसिद्ध हैं। उनकी टीका करते हुए टीकाकारों ने बहुत ही श्रद्धा भक्ति से इन प्रतिक्रमण सूत्रों को श्री गौतमस्वामी रचित माना…