श्री गौतम स्वामी प्रणीत प्रतिक्रमण पाठ में णमोकार मंत्र
श्री गौतम स्वामी प्रणीत प्रतिक्रमण पाठ में णमोकार मंत्र णमोक्कारपदे अरहंतपदे सिद्धपदे आइरियपदे उवज्झायपदे साहुपदे मंगलपदे लोगोत्तमपदे१ सरणपदे सामाइयपदे चउवीस-तित्थयरपदे२ वंदणपदे पडिक्कमणपदे पच्चक्खाणपदे काउसग्गपदे असीहियपदे णिसीहियपदे। -पद्यानुवाद- जो नमस्कारपद अर्हत् पद अरु सिद्धपदाचार्यपद में। उपाध्यायपद साधूपद मंगलपद लोकोत्तम पद में।।२।। शरणंपद सामायिकपद चौबिस तीर्थंकर पद वंदनपद में। प्रतिक्रमण व प्रत्याख्यान रु कायोत्सर्ग असहि निसहि पद…