समवसरण स्तूप जिनसिद्धप्रतिमा व्रत
समवसरण स्तूप जिनसिद्धप्रतिमा व्रत समवसरण स्तूप व्रत विधि—- इस व्रत में समवसरण की सातवीं भूमि-भवन भूमि में नव—नव स्तूपों के सर्व जिनसिद्ध प्रतिमाओं की वंदना के ९६ व्रत हैं। उत्तम, मध्यम व जघन्य विधि में क्रम से उपवास, अल्पाहार या एकाशन करके व्रत पूर्ण करना है। -समुच्चय मंत्र- (१) ॐ ह्रीं चतुर्विंशतितीर्थंकरसमवसरणस्थितभवनभूमिमध्यवीथीसंबंधि-चतुषष्ट्यधिक-अष्टशतस्तूपमध्यविराजमानसर्वजिनसिद्धप्रतिमाभ्यो नम:। अथवा (२)…