केवलज्ञानभूमि जृंभिका तीर्थ की आरती
केवलज्ञानभूमि जृंभिका तीर्थ की आरती तर्ज-झुमका गिरा रे………. आरति करो रे, जृंभिका तीर्थ की सब मिल करके, आरति करो रे। आरति करो रे, आरति करो रे, आरति करो रे, जृंभिका तीर्थ की सब मिल करके, आरति करो रे।।।टेक.।। कुण्डलपुर के वीर प्रभू ने, केवलज्ञान जहाँ पाया, प्रथम रचा था समवसरण, तब इन्द्र बहुत ही हरषाया।…