पंचाचार व्रत (श्री गौतमस्वामी प्रणीत पंचाचार के आधार से) (४७ व्रत)
पंचाचार व्रत (श्री गौतमस्वामी प्रणीत पंचाचार के आधार से) (४७ व्रत) पंचविहो आयारो णाणायारो दंसणायारो तवायारो वीरियायारो चरित्तायारो चेदि। (१) तत्थ णाणायारो, काले, विणए, उवहाणे, बहुमाणे, तहेव अणिण्हवणे, विंजण-अत्थ-तदुभये चेदि णाणायारो अट्ठविहो। (२) दंसणायारो अट्ठविहो, णिस्संकिय णिक्कंखिय णिव्विदिगिंछा अमूढदिट्ठी य, उवगूहण ठिदिकरणं वच्छल्ल पहावणा चेदि। (३) तवायारो वारसविहो, अब्भंतरो छव्विहो बाहिरो छव्विहो चेदि तत्थ बाहिरो…