कुलकरों की उत्पत्ति
कुलकरों की उत्पत्ति इस वर्तमान अवसर्पिणी में यहाँ भरतक्षेत्र के आर्यखण्ड में तृतीयकाल में जब पल्य का आठवाँ भाग शेष रह गया था, तब कुलकरों की उत्पत्ति शुरू हो गई थी। कुलकर चौदह होते हैं इनके नाम क्रमश: १. प्रतिश्रुति, २. सन्मति, ३. क्षेमंकर, ४. क्षेमंधर, ५. सीमंकर, ६. सीमंधर, ७. विमलवाहन,८. चक्षुष्मान, ९. यशस्वी,…