चौरासी लाख उत्तरगुण व्रत (६५ व्रत)
चौरासी लाख उत्तरगुण व्रत (६५ व्रत) श्री ऋषभदेव से लेकर अंतिम तीर्थंकर श्री महावीर स्वामी तक चौबीसों तीर्थंकरों ने मोक्षमार्ग के श्रावकधर्म और मुनिधर्म ऐसे दो भेद किये हैं। श्री गौतम स्वामी ने भी ‘‘सुदं मे आउस्संतो!’’ से संबोधन करते हुए श्रावकधर्म और मुनिधर्म का संक्षिप्त वर्णन किया है। उसी के अन्तर्गत मुनियों के १३…