श्री आदिनाथ, भरत, बाहुबली पूजा
श्री आदिनाथ, भरत, बाहुबली पूजा स्थापना-चौबोल छंद हे इस युग के आदि विधाता, ऋषभदेव पुरुदेव प्रभो। हे युगस्रष्टा तुम्हें बुलाऊँ, आवो आवो यहाँ विभो।। आदिनाथ सुत हे भरतेश्वर! हे बाहूबलि! आज यहाँ। आवो तिष्ठो हृदय विराजो, जग में मंगल करो यहाँ।।१।। ॐ ह्रीं तीर्थंकरऋषभदेव-भरत-बाहुबलि-स्वामिन:। अत्र अवतर अवतर संवौषट् आह्वाननं। ॐ ह्रीं तीर्थंकरऋषभदेव-भरत-बाहुबलि-स्वामिन:। अत्र तिष्ठ तिष्ठ…