नन्दीश्वरद्वीप जिनालय वंदना-3
नन्दीश्वरद्वीप जिनालय वंदना-4 -दोहा- नंदीश्वर वर द्वीप है, महातीर्थ सुखकार। भवि आतम निर्मल करे, कर्म कीच अपसार१।।१।। -शंभु छंद- जय जय नंदीश्वर महाद्वीप, सौ इन्द्र वंदना करते हैं। प्रत्येक वर्ष में तीन बार, अष्टान्हिक पर्व उचरते हैं।। आषाढ़ सुकार्तिक फाल्गुन में, अष्टमि से पूर्णा तक शुक्ला। चारों निकाय के देव मिलें, वंदन कर करते भव…