गणिनीप्रमुख श्री ज्ञानमती माताजी की आरती
गणिनीप्रमुख श्री ज्ञानमती माताजी की आरती तर्ज-माई रे माई…………. गणिनी माता ज्ञानमती की, आरति है सुखकारी। इनके दर्शन से नश जाता, मोहतिमिर भी भारी।। बोलो जय जय जय, बोलो जय जय जय।। धन्य टिवैâतनगर की धरती, जन्म हुआ जहाँ इनका। छोटेलाल पिता माँ मोहिनी, शरदपूर्णिमा दिन था।। अमृत झरता था चन्दा से…………………. अमृत झरता था…