समवसरण सिद्धार्थवृक्ष सिद्धप्रतिमा व्रत
समवसरण सिद्धार्थवृक्ष सिद्धप्रतिमा व्रत समवसरण सिद्धार्थवृक्ष विधि— इस व्रत में समवसरण के छठी भूमि-कल्पवृक्ष भूमि के चार—चार सिद्धार्थ वृक्षों की वंदना है। उत्तम, मध्यम व जघन्य विधि में क्रम से उपवास, अल्पाहार या एकाशन करना है। -समुच्चय मंत्र- (१) ॐ ह्रीं चतुर्विंशतितीर्थंकरसमवसरणस्थितकल्पतरुभूमिसंबंधिषण्ण-वतिसिद्धार्थवृक्षमूलभागविराजमानचतुरशीत्यधिकत्रिशतसिद्धप्रतिमातत्संबंधिता-वत्प्रमाणमानस्तम्भचतुर्दिक्-विराजमानषट्त्रिंशदधिकपंचदशशतजिनप्रतिमाभ्यो नम:। अथवा (२) ॐ ह्रीं समवसरणसिद्धार्थवृक्षस्थितसर्वसिद्धप्रतिमाभ्यो नम:। ९६ व्रत के ९६ मंत्र १….