द्वादशांग सरस्वती स्तोत्र
द्वादशांग सरस्वती स्तोत्र (पद्यानुवाद—गणिनी ज्ञानमती) श्रुतदेवी बारह अंगों से, निर्मित जिनवाणी मानी है। सम्यग्दर्शन है तिलक किया, चारित्र वस्त्र परिधानी है।। चौदह पूर्वों के आभरणों से, सुंदर सरस्वती माता। इस विध से द्वादशांग कल्पित, जिनवाणी सरस्वती माता।।१।। श्रुत ‘आचारांग’ कहा मस्तक, मुख ‘सूत्रकृतांग’ सरस्वति का। ग्रीवा है ‘स्थानांग’ कहा, श्री जिनवाणी श्रुतदेवी का।। ‘समवाय अंग’…