तिर्यक् लोक का वर्णन
तिर्यक् लोक का वर्णन मंदर पर्वत के मूल से १ लाख ४० योजन प्रमाण ऊँचा (मोटा) एक राजू लंबे, चौड़े क्षेत्र में तिर्यक् त्रसलोक स्थित है। इस मध्यलोक में पच्चीस कोड़ाकोड़ी उद्धारपल्य प्रमाण असंख्यातों द्वीप समूह हैं। ये गोल हैं इनमें से पहला जम्बूद्वीप बीच में है आगे-आगे एक दूसरे को वेष्टित करते हुए असंख्यातों…