श्री सुमतिनाथ स्तुति:
श्री सुमतिनाथ स्तुति: श्रीमान् सुमतिनाथस्त्वं, मोहध्वांतविनाशक:। भव्या: सुमतिनाथं त्वां, भजंतीह सुबुद्धये।।१।। श्रीमत्सुमतिनाथेन, हता: कर्मारय: स्वयं। तस्मै सुमतिनाथाय, नम: स्वकर्महानये।।२।। तीर्थं सुमतिनाथाद् यत्, तत् सर्वेषां सुखावहं। श्रीमत् सुमतिनाथस्य, शरण्यं चरणद्वयं।।३।। तस्मिन् सुमतिनाथे हि, मतिं स्थिरां करोम्यहं। प्रभो! सुमतिनाथ! त्वं, देहि मे पंचमीं गतिं।।४।।