श्री चन्द्रप्रभ जिनप्रतिमा की महिमा (ईसवी सन् १९५२ का इतिहास)
श्री चन्द्रप्रभ जिनप्रतिमा की महिमा (ईसवी सन् १९५२ का इतिहास) श्री पार्श्वनाथ भगवान (टिकेटनगर के) को नमस्कार करके मैंने प्रार्थना की कि-हे भगवन्! आज मैं आपके दर्शन करके बाराबंकी आचार्यश्री देशभूषण जी महाराज के दर्शनार्थ जा रही हूँ। यद्यपि घर में यही कह दिया है कि सायंकाल में वापस आ जाऊँगी, फिर भी हे भगवन्!…