जिनप्रतिमा स्तुति
जिनप्रतिमा स्तुति (श्री गौतमस्वामीकृत चैत्यवंदना) यावन्ति संति लोकेऽस्मिन्नकृतानि कृतानि च। तानि सर्वाणि चैत्यानि, वंदे भूयांसि भूतये१।। इस लोक-संसार में-मध्यलोक में जितनी भी अकृत्रिम और कृत्रिम जिनप्रतिमाएँ हैं, उन सभी जिनचैत्य-जिनप्रतिमाओं को हम स्वात्मसंपत्ति की प्राप्ति के लिए वंदना करते हैं, नमस्कार करते हैं। थोस्सामि स्तवन (चौबीस तीर्थंकर स्तुति) स्तवन करूँ जिनवर तीर्थंकर, केवलि अनंत जिन…