श्री ऋषभदेव पूजा
श्री ऋषभदेव पूजा -अथ स्थापना- तर्ज—ऐ माँ तेरी सूरत से अलग… जिनवर की शरण में आये हैं, तन-मन-धन अर्पण कर देंगे। भगवान-भगवान तेरी भक्ती के लिये, जीवन भी समर्पण कर देंगे।।टेक.।। शुभ नगरि अयोध्या की, धनपति ने रचना की। माता के आँगन में, रत्नों की वर्षा की।। आदीश्वर तीर्थंकर प्रभु का, शिर नत कर वंदन…