श्री अरनाथ स्तुति:
श्री अरनाथ स्तुति: अरनाथो भगवांस्त्वं, मोहारीन् घातक: स्वयं। त्वामरनाथतीर्थेशं, श्रित्वा भव्या जयन्त्यरीन्।।१।। अरनाथेन संप्रोक्तो, धर्म: सर्वहितंकर:। अरनाथाय मे भक्त्या, नमोऽस्तु जन्महानये।।२।। अरनाथाद् हि संभूता, वाणी सर्वत्र क्षेमदा। अरनाथस्य षट्खंडं, साम्राज्यं धर्म संस्कृतं।।३।। अरनाथे स्थिरा भक्ति:, यावत् तावत् न मे शिवं। भो अरनाथ! मे यच्छ, ध्यानं स्वात्मैकचिन्तनं।।४।।