देवों के भवनों का वर्णन
देवों के भवनों का वर्णन कूटों के चारों तरफ नाना प्रकार की रचनाओं से युक्त, उत्तम सुवर्ण और रत्नों से निर्मित भवनवासी देवों के महल हैं। ये महल सात, आठ, नौ, दस इत्यादि अनेक भूमियों (तलों) से सहित, लटकती हुई रत्नमालाओं से भूषित, चमकते हुए मणिमय दीपकों से सुशोभित, जन्मशाला, अभिषेकशाला, भूषणशाला, मैथुनशाला, परिचर्यागृह और…