श्री अनंतनाथ वन्दना
श्री अनंतनाथ वन्दना -नरेन्द्र छंद- श्री अनंत जिनराज आपने, भव का अंत किया है। दर्शन ज्ञान सौख्य वीरजगुण, को आनन्त्य किया है।। अंतक का भी अंत करें हम, इसीलिए मुनि ध्याते। मन वच तन से भक्तिभाव से, प्रभु तुम गुण हम गाते।।१।। -बसंततिलका छंद- देवाधिदेव तुम लोक शिखामणी हो। त्रैलोक्य भव्यजन कंज विभामणी हो।। सौ…