सोलह स्वप्न
सोलह स्वप्न………. एक दिन रात्रि के पिछले प्रहर में कोमल शय्या पर सोती हुई महारानी त्रिशला ने सोलह स्वप्न देखे जो सर्वथा कल्याणकारी एवं सौभाग्य सूचक थे। सोलह स्वप्नों में उन्होंने सर्वप्रथम मदोन्मत्त गजराज को देखा। बाद में चन्द्रमा के सदृश शुभ कांतियुक्त, ऊँचे कन्धेवाला बैल गम्भीर शब्द करता हुआ दिखलाई दिया। तीसरा स्वप्न अपूर्व…