वेश्यासेवन से हानि
वेश्यासेवन से हानि अजय-अरे अरे, मैं तो लुट गया, बरबाद हो गया। हे भगवान् ! मुझे किसी तरह तुम्हीं बचा लो। संजय-क्या हो गया मित्र! किसी ने तुम्हें मारा है या धन चुरा लिया है ? अजय-मैं क्या बताऊँ ? मै तो अब कहीं का भी नहीं रहा । घर जाकर माँ—बाप को क्या मुंह…