सिद्ध वंदना
सिद्ध वंदना…. —गणिनी ज्ञानमती —शंभु छंद— हे नाथ! तुम्हारे गुणमणि की, गुणमाल गूूंथ कर लाये हैं। हम आज तुम्हारे चरणों में, यह माल चढ़ाने आये हैं।। जय जय अतीत के सिद्धों की, जय वर्तमान के सिद्धों की। जय जय भविष्य के सिद्धों की, सब सिद्ध अनंतानंतों की।।१।। जैसे नर कटि पर हाथ रखे, पग पैला…