भजन
भजन तर्ज—मेरी तो पतंग…… जब से तेरा दर्श हुआ, मुझको बड़ा हर्ष हुआ, ज्ञानज्योति मन में जल गई रे। ज्ञानमती माता मिल गईं रे।।टेक.।। तुम्हीं ब्राह्मी औ चंदना हो-२। तुम्हीं तीर्थ की वंदना हो-२।। तुम्हीं पूनो की चन्द्रमा हो-२। तुम्हीं रोशनी औ शमां हो-२।। तुमने ऐसा त्याग किया, जग को नया मार्ग दिया, ज्ञानज्योति मन…