भजन
भजन तर्ज—आने से जिसके आये बहार…… ज्ञानमती माँ आईं प्रभु जी के द्वार। भक्तोें की भीड़ आई मां तेरे द्वार।। तू जग में निराली है-मां ज्ञानमती, तू सबसे पुरानी है मां ज्ञानमती।। टेक.।। तुमने अपना उपवन अपने हाथों से माता सजाया। रत्नत्रय में रमकर अपने जीवन को कुंदन बनाया।। त्याग किया, वैराग्य लिया, तेरी पहली…