‘‘असली दहेज’’ और भजन
‘‘असली दहेज’’ और भजन (अपने बालक-बालिकाओं में सद्गृहस्थ के संस्कार डालने हेतु इस नाटक का मंचन अवश्य कराएं तथा अपनी कन्या के विवाह में दहेज के रूप में एक ग्रन्थ अवश्य देवें।) प्रिय पाठक बन्धुओं! परम पूज्य आर्यिका रत्नश्री ज्ञानमती माताजी की जन्मदात्री पू. १०५ आर्यिका श्री रत्नमती माताजी का १५ जनवरी सन् १९८५ को…