बंध प्रत्यय निवारण व्रत
बंध प्रत्यय निवारण व्रत…. संसार में अनादिकाल से प्रत्येक जीव के साथ कर्मों का संबंध चला आ रहा है। इसी कर्मबंध से हम और आप संसारी हैं। इन कर्मबंध के मूल कारण चार हैं एवं इनके भेद ५७ हैं। इन बंध के कारणों से छूट कर ही यह जीव अपनी आत्मा को परमात्मा बना लेता…