भजन
भजन… तर्ज—तीरथ करने चली…… दीक्षा लेकर बने महामुनि, मोक्षमार्ग बतलाने को। ऋषभदेव ने करी तपस्या, धर्म तीर्थ प्रगटाने को।। टेक.।। राज्य भोग के बाद प्रभू ने, जब दीक्षा स्वीकार किया। चार हजार अन्य राजाओं, ने भी सब कुछ त्याग दिया।। लेकिन सब पथभ्रष्ट हुए, जब मिला न कुछ भी खाने को। मिला न कुछ भी…