द्वितीय कोष्ठक पूजा
द्वितीय कोष्ठक पूजा (अष्ट प्रातिहार्य के ८ अर्घ्य) —दोहा— आठ प्रातिहार्यों सहित, श्री अरिहंत जिनेश। पुष्पांजलि कर पूजहूँ, ऋषभदेव परमेश।। अथ मण्डलस्योपरि द्वितीय कोष्ठकस्थाने पुष्पांजलिं क्षिपेत्। -गीता छंद- वर प्रातिहार्य सु आठ में, तरुवर अशोक विराजता। मरकत मणी के पत्र पुष्पों, से खिला अतिभासता।। वृषभेश की ऊँचाई से, बारह गुणे तुंग फरहरे। इस युत प्रभू…