बड़ी जयमाला
“…बड़ी जयमाला…” शंभु छंद जय जय श्रीपति जय लक्ष्मीपति, जय जय मुक्ती ललना पति हो। जय जय त्रिभुवन पति गणपति के, पति जय हरि हर ब्रह्मा पति हो।। कर्मों के भेत्ता हित उपदेष्टा, त्रिभुवन त्रिसमय वेत्ता हो। जय जय केवलज्ञानी भगवन् , तुम ही शिव पथ के नेता हो।।१।। जहं आप विराज रहें भगवन् !…