जयमाला
जयमाला……. -दोहा- चिन्मूरति चिंतामणि, चिंतित फलदातार। तुम गुणमणिमाला कहूँ, सुखसंपति साकार।।१।। (चाल-श्रीपति जिनवर करुणा……) जय जय श्री सन्मति रत्नाकर! महावीर! वीर! अतिवीर! प्रभो! जय जय गुणसागर वर्धमान! जय त्रिशलानंदन! धीर प्रभो!।। जय नाथवंश अवतंस नाथ! जय काश्यपगोत्र शिखामणि हो। जय जय सिद्धार्थतनुज फिर भी, तुम त्रिभुवन के चूड़ामणि हो।।२।। जिस वन में ध्यान धरा तुमने,…