सिद्ध स्तोत्र
सिद्ध स्तोत्र….. —गणिनी ज्ञानमती —नरेन्द्र छंद— जय जय सिद्ध अनंतानंते, जय जय श्री भगवंता। जय जय परमानंद सुधारस, आस्वादी शिवकंता।। श्री तीर्थंकर छ्यालिस गुणधर, सिद्ध हुये सुख पाये। तीर्थंकर बिन हुए अनंते, भव्य सिद्ध पद पाये।।१।। कोई अंतकृत केवलि होकर, सिद्ध हुए गुण गायें। बिना अंतकृत केवलि भी तो, अगणित जन शिव पाये।। जल से…