प्रशस्ति
प्रशस्ति —चौबोल छंद— श्री शांति कुंथु अरनाथ प्रभू ने, जन्म लिया इस धरती पर। यह हस्तिनागपुरि इंद्रवद्य, रत्नों की वृष्टि हुई यहाँ पर।। यहाँ जम्बूद्वीप बना सुंदर, जिनमंदिर हैं अनेक सुखप्रद। मेरा यहाँ वर्षायोग काल, स्वाध्याय ध्यान से है सार्थक।।१।। इस युग के चारित्र चक्री श्री, आचार्य शांतिसागर गुरुवर। बीसवीं सदी के प्रथमसूरि, इन पट्टाचार्य…