नव पदार्थ—
नव पदार्थ— श्री गौतमस्वामी कथित नवपदार्थ— से अभिमद-जीवाजीव-उवलद्ध-पुण्णपाव-आसव-संवर-णिज्जर-बंधमोक्ख-महिकुसले। इसमें अभिमत जीव रु अजीव उपलब्ध पुण्य अरु पाप कहे। आस्रव संवर निर्जर व बंध अरु मोक्ष कुशल नव तत्त्व रहें।। षटखण्डागम धवला टीका पुस्तक १३ में नवपदार्थ— ‘‘जीवाजीवपुण्ण-पाव-आसव-संवर-णिज्जरा-बंध-मोक्खेहि णवहि पयत्थेहि वदिरित्तमण्णं ण किं पि अत्थि, अणुवलंभादो।’’ जीव, अजीव, पुण्य, पाप, आस्रव, संवर, निर्जरा, बंध और मोक्ष,…