चौबीस यक्षिणी के अर्घ
चौबीस यक्षिणी के अर्घ —नरेन्द्र छंद— वृषभदेव के समवसरण में, ‘चक्रेश्वरी’ सुयक्षी। सम्यग्दर्शन गुण से मंडित, खंडे सर्व विपक्षी।। महायज्ञ पूजा विधान में, आवो आवो माता। यज्ञ भाग मैं अर्पण करता, करो सर्व सुख साता।।१।। ॐ ह्रीं श्रीवृषभदेवस्य शासनदेवि चक्रेश्वरी यक्षि! अत्र आगच्छ आगच्छ, इदं जलादि अर्घ्यं गृहाण गृहाण स्वाहा। अजितनाथ के समवसरण में, रहे…