मंगलग्रह अरिष्ट निवारक श्री वासुपूज्य तीर्थंकर पूजा
मंगलग्रह अरिष्ट निवारक श्री वासुपूज्य तीर्थंकर पूजा -स्थापना-दोहा- वासुपूज्य जिनराज की, करूँ थापना आज। मंडल पर तिष्ठो प्रभो, पूरो मेरे काज।। ॐ ह्रीं मंगलग्रहारिष्टनिवारकश्रीवासुपूज्यजिनेन्द्र! अत्र अवतर अवतर संवौषट् आह्वाननं। ॐ ह्रीं मंगलग्रहारिष्टनिवारकश्रीवासुपूज्यजिनेन्द्र! अत्र तिष्ठ तिष्ठ ठः ठः स्थापनं। ॐ ह्रीं मंगलग्रहारिष्टनिवारकश्रीवासुपूज्यजिनेन्द्र! अत्र मम सन्निहितो भव भव वषट् सन्निधीकरणं स्थापनं। अष्टक-शंभुछंद जल का स्वभाव है शीतलता,…