बड़ी जयमाला
बड़ी जयमाला……….. सोरठा अभिनंदन जिनदेव, अखिल अमंगल को हरें। नित्य करूँ मैं सेव, मेरे कर्मांजन हरें।।१।। सखी छंद जय जय जिन देव हमारे, जय जय भविजन बहु तारें। जय मुक्तिरमापति देवा, शत इंद्र करें तुम सेवा।।२।। मुनिवृंद तुम्हें चित धारें, भविवृंद सुयश विस्तारें। सुर नर किन्नर गुण गावें, किन्नरियाँ बीन बजावें।।३।। भक्तीवश नृत्य करे हैं,…