सर्वोपद्रव निवारक श्री पार्श्वनाथ पूजा विधान
सर्वोपद्रव निवारक श्री पार्श्वनाथ पूजा विधान अथ स्थापना (तर्ज—जहाँ डाल डाल पर….) श्री पार्श्वनाथ जी की पूजन से, मिटता भव भव का फेरा। है वंदन उनको मेरा……२।। जहाँ काल अनंतानंतों तक, रहता निज में हि बसेरा। है वंदन उनको मेरा……२।। जिनके गुणमणियोें की माला, गूंथ गूंथ कर लाते। सुरपति चक्रवर्ति हर्षित हो, प्रभु चरणों में…