तृतीय वलय में (श्री महावीर स्वामी के ११ गणधर देवों के ११ अर्घ्य)
तृतीय वलय में (श्री महावीर स्वामी के ११ गणधर देवों के ११ अर्घ्य) —दोहा— महावीर जिनराज के, ग्यारह गणधर मान्य। पुष्पांजलि से पूजते, मिले स्वात्मसुखसाम्य।।१।। अथ तृतीयवलये मंडलस्योपरि पुष्पांजलिं क्षिपेत्। —दोहा— ‘इन्द्रभूति’ गणधर प्रथम, गौतम नाम प्रसिद्ध। जिनकी कृपा प्रसाद से, मोक्षमार्ग है सिद्ध।।१।। ॐ ह्रीं श्रीमहावीरस्वामिन: इन्द्रभूतिनामगौतमगणधरदेवाय अर्घ्यं निर्वपामीति स्वाहा। ‘वायुभूति’ गणधर दुतिय, सर्वऋद्धिपरिपूर्ण।…