गीत
गीत….. रचयित्री-प्रज्ञाश्रमणी आर्यिका चंदनामती तर्ज—सावन का महीना….. गौतम गणधर वाणी, है द्वादशांग का सार। गौतम गणधर वर्ष मनाकर, बोलो जय जयकार।।टेक.।। वीर प्रभू के शिष्य प्रथम, ये गणधर प्रमुख कहाये हैं। नग्न दिगम्बर मुनि बनकर, मनपर्यय ज्ञान को पाये हैं।। प्रभु की दिव्यध्वनि सुन, पा गये निजातम सार। गौतम गणधर वर्ष मनाकर, बोलो जय जयकार।।१।।…