धर्मतीर्थ की उत्पत्ति
धर्मतीर्थ की उत्पत्ति…… ‘‘वर्धमान भगवान ने तीर्थ की उत्त्पत्ति की है।१’’ अठारह भाषा और सात सौ क्षुद्र भाषा स्वरूप द्वादशांगात्मक उन अनेक बीज पदों के प्ररूपक अर्थकर्ता हैं’’ तथा बीज पदों में लीन अर्थ के प्ररूपक बारह अंगों के कर्ता गणधर भट्टारक ग्रंथकर्ता हैं।।२’’ संपहि वड्ढमाणतित्थगंधकत्तारो वुच्चदे— दिव्यध्वनि का वर्णन तिलोयपण्णत्ति ग्रंथ में आया है।…