जयमाला
जयमाला…….. -चौबोल छंद- आवो हम सब करें वंदना, चौबीसों भगवान की। तीर्थंकर बन तीर्थ चलाया, उन अनंत गुणवान की।। जय जय जिनवरं-४ आदिनाथ युग आदि तीर्थंकर, अजितनाथ कर्मारि हना। संभवजिन भव दु:ख के हर्ता, अभिनंदन आनंद घना।। सुमतिनाथ सद्बुद्धि प्रदाता, पद्मप्रभु शिवलक्ष्मी दें। श्री सुपार्श्व यम पाश विनाशा, चन्द्रप्रभू निज रश्मी दें।। केवलज्ञान सूर्य बन…