विजयमेरु संबंधि धातकी-शाल्मलिवृक्ष जिनालय पूजा
विजयमेरु संबंधि धातकी-शाल्मलिवृक्ष जिनालय पूजा —अथ स्थापना—नरेन्द्र छंद— विजयमेरु के उत्तरकुरु में, वृक्ष धातकी सोहे। इसी मेरु के देवकुरु में, शाल्मलि तहँ मन मोहे।। इनकी एक एक शाखा पर, जिनमंदिर सुखकारी। इन दो मंदिर की जिनप्रतिमा, पूजों अघतम हारी।।१।। —दोहा— तरु के सब जिनराज की, आह्वानन विधि ठान। आवो आवो नाथ! अब, करो सकल दु:ख…