भजन
भजन…. तर्ज—पंखिड़ा…… वंदना करूँ मैं प्रभू पार्श्वनाथ की। अश्वसेन और माता वामा लाल की।। वंदना……वंदना……वंदना……वंदना……।। टेक.।। देखो वाराणसी से प्रभू के भक्त आये हैं। प्रभु के जन्म की खुशी में सुन्दर रत्न लाए हैं।। मिलके आओ, मिलके गाओ, मिलके करो जी। वंदना चरण में करके पुण्य भरो जी।। वंदना……।।१।। देखो अहिच्छत्र से प्रभू के भक्त…