सज्जाति
सज्जाति….. -गणिनी आर्यिका ज्ञानमती सज्जाति: सद्गृहित्वं च, पारिव्राज्यं सुरेन्द्रता। साम्राज्यं परमार्हन्त्यं, परनिर्वाणमित्यपि।।६७।। (१) सज्जाति, (२) सद्गृहस्थ श्रावक के व्रत, (३) पारिव्राज्य मुनियों के व्रत, (४) सुरेन्द्रपद, (५) साम्राज्य चक्रवर्ती पद, (६) अरहन्तपद और (७) निर्वाणपद ये सात परम स्थान कहलाते हैं। सम्यग्दृष्टि जीव क्रम-क्रम से इन परम स्थानों को प्राप्त कर लेता है। इन्हें कर्त्रन्वय…