जैनश्वरी दीक्षा के लिए पात्र
जैनश्वरी दीक्षा के लिए पात्र आगम में ब्राह्मण, क्षत्रिय और वैश्य इन तीन वर्णों के मनुष्य को ही जैनेश्वरी दीक्षा का आदेश दिया है। श्री कुन्दकुन्ददेव ने प्रवचनसार में कहा है— वण्णेसु तीसु एक्को, कल्लाणंगो तवो सहो वयसा। सुमुहो कुंछारहिदी, िंलगग्गहणे हवदि जोग्गो।। गाथार्थ—ब्राह्मण-क्षत्रिय-वैश्य इन तीन वर्णों में से एक वर्ण वाला आरोग्य शरीरधारी, तपस्या…