पूर्व पुष्करार्ध द्वीप ऐरावत क्षेत्र की त्रैकालिक तीर्थंकर स्तुति
पूर्व पुष्करार्ध द्वीप ऐरावत क्षेत्र की त्रैकालिक तीर्थंकर स्तुति कृतिनाथ उपविष्ट:, श्रीदेवादित्यास्थानिकौ। प्रचन्द्रोवेषिकाख्यश्च, त्रिभानुर्ब्रह्मनामभाक्।।१।। वङ्काांगश्चाविरोधिश्चा-पापो लोकोत्तरो जिन:। जलधिशेषो विद्योत:, सुमेरुश्च विभावित:।।२।। वत्सलो जिनालयाख्य:, तुषारो भुवनेश्वर:। सुकामो देवाधिदेवो-प्याकारिमश्च िंबबित:।।३।। शंकराख्योऽक्षवासश्च, सुनग्नेशो नग्नाधिप:। नष्टपाषंडनामाच, स्वप्नवेदस्तपोधन:।।४।। पुष्पकेतुर्धार्मिकश्च, चन्द्रध्वजोऽनुरक्तत्विट्। वीतराग उद्योतश्च, तमोपेक्षाह्वयो जिन:।।५।। मधुनादो मरुदेवो, दमाख्यो वृषभेश्वर:। शिलातनो विश्वनाथो, महेन्द्रो नंदतीर्थराट्।।६।। तमोहरो ब्रह्मजश्च, सन्त: प्राक्पुष्करोद्भवा:। यशोधर: सुकृताख्योऽभयघोषो निर्वाणक:।।७।। व्रतवासोऽतिराजश्चाप्यश्वनाथोऽर्जुनो…