पार्श्वनाथ चालीसा
“…पार्श्वनाथ चालीसा…” -प्रज्ञाश्रमणी आर्यिका चन्दनामती -दोहा- परमसिद्ध परमात्मा, पार्श्वनाथ भगवान। तीर्थंकर तेईसवें, करें जगत कल्याण।।१।। पार्श्वनाथ के नाम का, चालीसा सुखकार। पढ़ें भव्य जो भाव से, पावें सुख भण्डार।।२।। -चौपाई- जय जय पार्श्वनाथ जिनवर जी, जय जय तेईसवें प्रभुवर जी।।१।। जय जय नाथ त्रिजग के अधिपति, जय जय सिद्धशिला पर स्थित।।२।। काशी देश बनारस नगरी,…