विश्वशांति चालीसा
—–:विश्वशांति चालीसा:—— –दोहा– शांतिनाथ को नमन कर, चाहूँ आतम शांति। सर्व उपद्रव शमन कर, पाऊँ सुख अरु शांति।।१।। विश्वशांति के हेतु मैं, करूँ मंत्र का जाप। चालीसा के पाठ से, होवें सब निष्पाप।।२।। पाप बहुल इस सृष्टि में, हो सतयुग का वास। मैत्री पैâले विश्व में, आपस में सौहार्द।।३।। –चौपाई– हो जयवंत भरत का भारत,…