पहली ढाल
पहली ढाल (चौपाई छन्द) ग्रन्थ रचना का उद्देश्य व जीव की चाह जे त्रिभुवन में जीव अनन्त, सुख चाहें दु:खतैं भयवन्त। तातैं दु:खहारी सुखकारि, कहैं सीख गुरु करुणा धारि।।१।। अर्थ-तीनों लोकों में जो अनन्त जीव हैं, वे सभी सुख चाहते हैं और दु:ख से डरते हैंं इसलिए आचार्य कृपा करके उन जीवों को दु:ख हरने…