लवण समुद्र में जिनमंदिर (तिलोयपण्णत्ती ग्रंथ से)
लवण समुद्र में जिनमंदिर (तिलोयपण्णत्ती ग्रंथ से) उवरिमजलस्स जोयण उणवीससयाणि सत्तहरिदािंण। खयवड्ढीण पमाणं णादव्वं लवणजलणिहिम्मि१।।२४०५।। १९००। ७ पत्तेक्कं दुतडादो पविसिय पणणउदिजोयणसहस्सा। गाढा तस्स सहस्सं एवं सोधिज्ज अंगुलादीणं।।२४०६।। ९५०००। १०००। १। ९५ दुतडादो जलमज्झे पविसिय पणणउदिजोयणसहस्सा। सत्तसयाइं उदओ एवं सोहेज्ज अंगुलादीणं।।२४०७।। ९५०००। ७००। ७। ९५० जलसिहरे विक्खंभो जलणिहिणो जोयणा दससहस्सा। एवं संगाइणिए लोयविभाए विणिद्दिट्ठं।।२४४८।। १००००। पाठान्तरम्।…