दशवें परिच्छेद का सार
दशवें परिच्छेद का सार अज्ञान से बंध और ज्ञान से मोक्ष के एकांत का विचार एवं स्याद्वाद की सिद्धि (कारिका ९६ से ११४ तक) सांख्य का कहना है कि अज्ञान से ही बंध होता है और ज्ञान से ही मोक्ष होता है। इस पर जैनाचार्य का कहना है कि यदि आप अज्ञान से बंध अवश्यंभावी…