आदिब्रह्मा
आदिब्रह्मा (१) महाराजा नाभिराय और मरुदेवी से अलंकृत पवित्र स्थान में कल्पवृक्षों का अभाव देखकर और ‘‘इन दोनों के स्वयंभू ऋषभदेव पुत्र जन्म लेंगे।’’ ऐसा अवधिज्ञान से जानकर स्वयं इंद्र अनेक उत्साही देवों के साथ वहाँ आते हैं और उसी स्थल को मध्य में करके एक सुन्दर नगरी की रचना कर देते हैं। चार गोपुर…